लोकप्रिय पोस्ट

शब्दों के मोती

आँख का पानी जब मोती बन रहा  था 
लबों का मुस्कान जब खोता जा रहा था
दिल जब किसी और का होता जा रहा था
टूटकर मै खुद से... रोता जा रहा था

नहीं समझ आया की ये क्या हो रहा था
दूर था खुद से इसलिए रो रहा था
एक शख्स ने मुझे ऐसे मोड़ पर खड़ा कर दिया था
की मै खुद के फूल को कीचड में बोता जा रहा था


उसने कभी मुड़कर मुझे आवाज़ नहीं दी
हमारी अधूरी कहानी अधूरी ही रही
वो आगे बढ़ गया मैं आगे बढ़ गया
और एक छोटा सा फूल उस कीचड में रह गया


आऊंगा एक दिन उस फूल के  रंग को  देखने
आगे बढ़ती दुनिया से एक कदम पीछे चलने
अगर उस फूल का रंग लाल हुआ तो उसे धन्यवाद कहने
उस कमल का हौसला देखने। उसे और ज्यादा खिलाने
अपने आंसुओं का पानी उसे कमल में देने
 आऊंगा ज़रूर एक दिन
उस कमल को खिलता हुआ देखने

Previous
Next Post »

लोकप्रिय पोस्ट