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एहसास

कहते है अगर किसी इंसान के पास सिर्फ खुशियाँ ही है। दुःख है ही नहीं तो जीने का क्या मजा। जितना मैं  जानती हु एहसास दो तरह क होते है एक वो जिसे हम शब्दों में बयां कर सकते है और दूसरा वो जिसे हम बयान नहीं कर सकते।  जिस एहसास को हम शब्दों  में बयान कर सकते है वो बात वही  पर ख़त्म हो जाती है।   पर जिस एहसास को हम बयान नहीं कर सकते वो बात हमारे दिमाग़   के  चारो ओर  चक्कर लगाती रहती है।  इंसान की अच्छाई और सच्चाई सबके दिल को छू जाती है।  कभी कभी किसी इंसान को देखकर या सुनकर ऐसा एहसास होता है की हम दंग  रह जाते है।  आज एक ख़ुशी का एहसास हो रहा है। पता है क्यों???? क्योकि आज मैंने उस इंसान का सच जाना है जिसे  मैं  पिछले एक साल से जानना और समझना चाहती थी।  उसकी चुप्पी का मतलब जानना चाहती थी।  उसके अंदर की गहराई कौन से सागर   से आई ये जानना चाहती थी।  उसके अंदर का ठहराव कौन से कुँए  से आया, वो कैसे जीता है और जीना चाहता है ये सब जानना चाहती थी।  पहले तो ऐसा लगता था की जैसे उसने खुद ही नियम बनाये हो और खुद ने ही उसपे मोहर लगाकर  अपने ऊपर लागू कर रखे हों ।  एक अलग सोच, एक अलग चेहरा, अलग दिल और दिमाक  रखने वाला इंसान, न जाने क्या था।  समझ से बाहर था।  पर लड़ाई करते हुए ही सही आज उसका राज तो सामने आया।  दरअसल ये सारा कमाल एक गुरुजी जी का  है उन्ही के  नियमो पे ये चलते है। मै अक्सर ये सोचती थी की उसकी दिल की बात मै क्यों नहीं समझ पा रही हु। पर आज शायद समझ आई है।  अब देर न  करते हुए बता ही देती हु. .उनके  गुरु जी का नाम - चाडक्य है   और उस इंसान का नाम - सीक्रेट। 
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1 Comments:

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22 सितंबर 2014 को 8:06 am बजे ×

अच्छी शुरुआत है. लिखती रहिये. एहसास को अभिव्यक्त करना आसान काम नहीं.

Congrats bro shikha varshney you got PERTAMAX...! hehehehe...
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